एक किशोर एक शैतान से मिलता है और उसकी लालसा अतृप्त हो जाती है। वह उसे खा जाता है, उसका आनंद बढ़ जाता है। वह अपनी उंगलियों और जीभ से उस पर हावी हो जाता है, जिससे वह मोहित हो जाता है। उसका चरमोत्कर्ष, वीर्य का गर्म बौछार, उनके पापपूर्ण समझौते को सील कर देता है।