अपने सौतेले भाई को डायल करके मैंने अपनी इच्छाओं से उसे चिढ़ाया। उसकी शरारती बातों ने मुझे जंगली बना दिया, मेरी उंगलियां मेरी गर्म, गीली चूत की खोज में लग गईं। जैसे ही मैं चरमोत्कर्ष पर पहुंची, कमरे में कराहों की आवाज गूंज उठी, उसकी आवाज मेरी संतुष्टि को गूंज रही थी।