एक युवा, बंधी हुई किशोरी खुद को एक बूढ़े आदमी की दया पर पाती है। वह उसे अपनी उंगलियों से चिढ़ाता है, फिर उसे क्रूर, अविश्वसनीय जुनून से तबाह कर देता है। जब वह उस पर हावी होता है तो उसका रोना कमरे में गूंजता है, जिससे उसका चेहरा उसकी गर्म रिहाई में ढक जाता है।